UN में फिलिस्तीन की सदस्यता पर अमेरिका ने वीटो लगाया, इससे UNSC में 12 देशों के समर्थन के बावजूद प्रस्ताव खारिज हो गया। यह नहीं पहली बार है जब अमेरिका ने फिलिस्तीन की सदस्यता पर वीटो लगाया है, पहली बार तो 2011 में किया था। फिलिस्तीन को UN में पूर्ण सदस्यता नहीं मिली है और इस बार भी अमेरिका ने वीटो लगाकर प्रस्ताव खारिज करवा दिया है।
इजराइल ने इस प्रस्ताव को शर्मनाक करार दिया और फिलिस्तीन ने इसे निंदा करते हुए कहा है कि वे हार नहीं मानेंगे। UN में फिलिस्तीन को गैर-सदस्यीय देश माना जाता है, जबकि इजराइल को पहले ही परमानेंट मेंबर बनाया गया था। 2012 में भी UN ने फिलिस्तीन को गैर-सदस्यीय देश बनाया था। इसके अलावा वेटिकन सिटी भी UN में गैर-सदस्यीय देश है।
वीटो का मतलब है कि किसी भी UNSC के सदस्य देश द्वारा किसी भी प्रस्ताव को खारिज करने की शक्ति। अमेरिका ने इस शक्ति का इस्तेमाल करके फिलिस्तीन की सदस्यता पर वीटो लगाया और प्रस्ताव खारिज करवा दिया।
फिलिस्तीन और इजराइल के बीच चल रहे विवाद के बीच फिलिस्तीन के संघर्ष का समर्थन करने के बावजूद भी UN में उन्हें सदस्यता नहीं मिली है। भारत भी इस मुद्दे पर चुप्पी साध रहा है।
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