जापान की मुद्रा येन हाल ही में तीन दशक के कमजोर स्तर पर पहुंच गई है। इसके पीछे बैंक ऑफ जापान द्वारा नेगटिव ब्याज दरों का दौर खत्म करने की दिशा में उठाए गए कदम की वजह से इसमें कमजोरी देखने को मिल रही है।
देश की येन में इस कमजोर होने से भारतीय ऑटो इंडस्ट्री को फायदा हो सकता है। खासकर जापान से गुड्स और सर्विसेज इंपोर्ट करने वाले भारतीय कारोबारों को येन में कमजोरी से राहत मिल सकती है। इससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में जापानी प्रोडक्ट्स सस्ते हो जाएंगे और खासकर मारुति सुजुकी के लिए इससे फायदा हो सकता है।
मारुति सुजुकी ने वित्त वर्ष 2021 में अपनी नेट टोटल इनकम का 3.6 प्रतिशत अपनी पैरेंट इकाई सुजुकी मोटर कॉरपोरेशन (जापान) को दिया। इसके साथ ही जापान की येन में कमजोरी से मारुति सुजुकी को और भी अधिक फायदा हो सकता है।
इस तरह से, जापान की मुद्रा की कमजोरी ने भारतीय ऑटो इंडस्ट्री के लिए नए संभावनाओं का दरवाजा खोला है। यहाँ कारोबारिक मुआयने के लिए रही रही येन की कीमत भारतीय कंपनियों के लिए नए मौके उपलब्ध करा सकती है।
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