मिडिल ईस्ट में भू-राजनीतिक तनाव और फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में कटौती से रुपये पर दबाव बढ़ गया है। इसके कारण भारतीय मुद्रा ने मंगलवार को रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद होकर अमेरिकी डॉलर के प्रति में कमजोरी दिखाई।
भारतीय रुपया अब 83.53 के मुकाबले अमेरिकी डॉलर के प्रति में कमजोर हो गया है। इसके साथ ही ज्यादातर एशियाई मुद्राओं में गिरावट आई है जिसकी वजह से निवेशक डॉलर पर दांव बढ़ा रहे हैं।
इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते भू-राजनीतिक संघर्ष के कारण अब निवेशक डॉलर पर और भी ज्यादा दांव बढ़ा रहे हैं। RBI की उम्मीद है कि पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार व वित्तीय स्थिरता के लिए उचित कदम उठाए जाएं।
इजरायल के प्रधानमंत्री ने ईरान के हमले की प्रतिक्रिया पर विचार करने के लिए वॉर कैबिनेट को बुलाया। तिमाही में अमेरिकी पॉलिसी रेट में कटौती की उम्मीद है जिसके बावजूद एशियाई शेयरों में गिरावट के बावजूद अमेरिकी डॉलर को बल मिला है।
यह सभी घटनाएं मिडिल ईस्ट में और भी बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के माहौल में हो रही हैं और इसका सीधा प्रभाव भारतीय मुद्रा पर दिखाई दे रहा है। इस संदर्भ में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को भी विचार करने की आवश्यकता है और वह उचित कदम उठाने में सक्षम हो।
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