रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने 26 अप्रैल को एसएफबी को यूनिवर्सल बैंक के लाइसेंस के लिए आवेदन का विंडो खोला। इसके लिए एसएफबी को कम से कम 1 हजार करोड़ रुपये का नेटवर्थ बनाए रखने की जरूरत है और SFB के लिए तय किए गए CRAR के मानकों को भी पूरा करना होगा। एसएफबी के प्रमोटर को पांच साल का ट्रैक रिकॉर्ड और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट होने की आवश्यकता है।
इसके साथ ही, पिछले दो वित्तीय वर्षों में शुद्ध मुनाफा और ग्रॉस एनपीए और नेट एनपीए के निर्धारित मानकों को पूरा करना होगा। आवेदन करने वाले प्रमोटर को किसी लॉन-इन पीरियड की मात्रा नहीं होनी चाहिए और यूनिवर्सल बैंक बनने के बाद प्रमोटर की शेयरहोल्डिंग में कोई कटौती की योजना को मंजूरी मिलने के बाद भी कोई बदलाव नहीं होगा।
2019 की गाइडलाइंस के अनुसार एसएफबी को यूनिवर्सल बैंक बनने के लिए निर्धारित नियमों का पालन करना होगा। रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया के इस निर्णय के साथ संभावना है कि भारतीय बाजार में नए और विशाल बैंकों का निर्माण होगा जिससे लोगों को और अधिक बैंकिंग सुविधाएं और विकल्प मिलेंगे।
इस गतिविधि के माध्यम से भारतीय बैंक सेक्टर में एक नया उत्थान देखने को मिलेगा और लोगों को बैंकिंग सेवाओं में और तेजी से सुधार होगा। यह समाचार ‘लाइव हिंदुस्तान समाचार’ के पाठकों के लिए महत्वपूर्ण है जो अर्थव्यवस्था और बैंकिंग क्षेत्र में आगे की जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं।
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