राजस्थान के अलवर जिले की अंजू ने पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा से भारत लौट आई है। पाकिस्तान के युवक के प्रेम में पड़कर अंजू ने वहाँ 5 महीने तक रहा था। उन्होंने पाकिस्तान के रहने के अपने अनुभवों को बताया। अंजू ने बताया कि उन्होंने किसी को बताए बिना गुपचुप पाकिस्तान गई थीं और वहाँ विशेष आतंकवादी घटनाओं का सामना भी करना पड़ा।
अंजू को पाकिस्तान में 5 महीने तक रहने के बाद भारत लौटने के लिए वीजा में समस्या आई थी। इसके कारण उन्हें वाघा बॉर्डर का रास्ता चुनना पड़ा। यह रास्ता बहुत समय ले जाने वाला होता है, लेकिन मित्रों और परिवार से अलविदा कहकर अंजू ने इसे तय कर लिया।
अंजू ने अपनी कठिनाइयों के बावजूद पाकिस्तान में खुश रहने की भी बात कही है। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान के लोग बहुत मेहमाननवाज़ हैं और मैंने वहाँ बहुत सारे स्नेही दोस्त भी बनाए हैं। मुझे खुद को एक सामान्य पाकिस्तानी के रूप में महसूस होने लगा।”
अंजू ने पाकिस्तान में मिले अपने प्रेमी को अब भलीभांति भूला दिया है और वे उगानबोट समय पर भारत लौट आई हैं। अंजू ने ऐसे कठिन रास्ते से भी भारत लौटने का यह निर्णय लिया है, जो उन्हें अपनी जिम्मेदारियों की पोषणा कराने का सबूत है। वह हमेशा साहसिक व्यक्तित्व रहेगी, जो अपनी अकेलापन को सामर्थ्य से पराजित करती है और उदासीनता का रुख नहीं दिखाती है।
अंजू का कहना है कि उनकी यात्रा उनके जीवन की एक अद्वितीय अनुभव है, जिसने उन्हें अपनी सीमाओं को तोड़ने के लिए प्रेरित किया है। वे उम्मीदवार हैं कि उनकी कहानी और उनके अनुभव से लोग प्रेरित होंगे और वे अपने सपनों को पूरा करने के प्रयासों में सक्षम होंगे।
माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंजू के प्रतिबद्धता और साहस की सराहना की है और उन्हें आशीर्वाद दिया है। उन्होंने कहा, “अंजू की कठिनाइयों को देखते हुए मैं उनको हृदय से बधाई देता हूं। वे हमारी संघर्ष परंपराओं का शानदार उदाहरण हैं।”
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