स्वामी चक्रपाणि ने चांद को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की मांग की। इस मांग को लेकर उन्होंने एक वीडियो जारी किया है, जिसमें स्वामी चक्रपाणि ने चांद को हिंदू राष्ट्र घोषित करने की वजहें स्पष्ट की हैं। उन्होंने इसके साथ ही चांद को हिंदू धर्म के प्रतीक के रूप में बताया है। स्वामी चक्रपाणि का यह दावा है कि चांद हिंदू संस्कृति और उसकी महानता का प्रतीक है। वे चांद के महत्व को राष्ट्रीय अभिमान के साथ जोड़ते हैं।
यह मांग विवादों में फंस चुकी है। इसके विरोध में कुछ लोगों ने अपनी आपत्ति जाहिर की है। वे चांद को सभी धर्मों की संक्षेप रूपांतरण के रूप में मानते हैं। हालांकि, इस मामले में प्रमुखता स्वामी चक्रपाणि के पक्ष में है। इस मांग के व्यापक उद्देश्य के साथ, इससे जुड़े मुद्दों की बहस भी शुरू हो गई है।
स्वामी चक्रपाणि ने इस वीडियो के माध्यम से चांद को हिंदू राष्ट्र के घोषणा का मांग की जो वायरल हो गई है। उन्होंने इस वीडियो में बताया कि चांद को धार्मिक संघर्ष का मान्य केंद्र बनाने की जरूरत है और इसे हिंदू राष्ट्र की ताकत के रूप में स्थापित किया जाना चाहिए। वे इसे हिंदुत्व और हिंदू संस्कृति के प्रतीक के रूप में देखते हैं।
स्वामी चक्रपाणि का दावा है कि चांद हमारी संस्कृति, नीति, दर्शन और विचारधारा का प्रतीक है। चांद हिंदू संस्कृति की संस्कृति है, जिसमें ऊर्ध्वलोक (inclusive growth), शान्ति, शक्ति और उदारता की प्राथमिकता है। इस मांग के विरोध में कुछ लोग इसे सर्वधर्म सम्मेलन का हिस्सा बनाने की मांग कर रहे हैं। वे चांद को सभी धर्मों की संक्षेप रूपांतरण के रूप में मानते हैं। हालांकि, विवाद में स्वामी चक्रपाणि का पक्ष प्रमुख है। प्रमुखता के बावजूद, इससे जुड़े मुद्दों पर एक दिल्ली में आयोजित अधिवेशन में एक चर्चा आयोजित की जा सकती है।
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