कलकत्ता हाई कोर्ट ने रामनवमी के दौरान पश्चिम बंगाल में हुई सांप्रदायिक हिंसा को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर की है। इस पर अदालत ने कहा है कि जहां सांप्रदायिक हिंसा भड़की है, वहां लोकसभा चुनाव 2024 की मंजूरी नहीं दी जाएगी। इस घटना के बाद चुनाव आयोग से सिफारिश की गई है कि ऐसे चुनाव में जब लोग शांति के साथ पर्व नहीं मना सकते, तो उन्हें संसदीय प्रतिनिधि चुनने का अधिकार नहीं देना चाहिए।
हाई कोर्ट ने बहरामपुर संसदीय क्षेत्र में होने वाले चुनाव को टालने की प्रस्ताव रखा है। रामनवमी के दौरान बंगाल में हिंसा भड़की थी, जिसका मुख्य दोषी ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग को जिम्मेदार ठहराया था। पिछले साल भी रामनवमी के दौरान पश्चिम बंगाल में हिंसा की घटनाएं हुई थीं।
लोगों की सुरक्षा के मामले में सख्ती बरतने की मांग करते हुए हाई कोर्ट ने यह बयान जारी किया कि सांप्रदायिक हिंसा को रोकने के लिए सरकार को और जिम्मेदारी लेनी चाहिए। इससे पहले भी बंगाल में धर्मांतरण के प्रयास के चलते हिंसा की घटनाएं बढ़ चुकी हैं।
इस पूरे मामले में राजनीतिक दलों के बयान पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि क्या सांप्रदायिक हिंसा को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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