– रूस के प्रधानमंत्री व्लादिमीर पुतिन ने अपने बड़े होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवारी की घोषणा कर दी है। पुतिन के लंबे समय तक प्रवक्ता रहने वाले एक शख्स ने बताया कि उन्हें विश्वास है कि वह अगले साल होने वाले चुनाव में 90% वोट के साथ जीत हासिल करेंगे। यह उनके प्रदर्शन का सीधा संकेत है।
– पुतिन ने मजबूत शक्तियों के साथ संविधान में बदलाव करा कर यह संभावना बनाई है कि उनका कार्यकाल खत्म होने के बावजूद वह अगले दो टर्म तक राष्ट्रपति रहें। यह कदम उनकी सत्ता को लेकर जीत के लिए एक बड़ी चुनौती प्रस्तुत करता है।
– रूस-यूक्रेन युद्ध और रूस की सत्ता पर पकड़ पुतिन के चुनाव लड़ने की प्रमुख वजहों में से एक है। उन्होंने कहा है कि वह युद्ध समर्थन करने वाले रूसी लोगों की बहुमत को जीतने की कोशिश कर रहे हैं।
– चुनाव के दौरान रूस के यूक्रेन पर हमले के बावजूद भी वोटिंग कराई जाएगी, जहां अभी रूस का कब्जा है। यह दिखाता है कि पुतिन की सत्ता कोशिश उनकी निरंतरता को दर्शाती है।
– पुतिन चुनावी अभियान को युद्ध से जोड़कर विश्लेषणकारों की नजर में उन्हें उन्हेरी ताकत का परिचय कराना है, हमारा उद्देश्य है कि अधिकांश रूसी लोग युद्ध का समर्थन करते हैं। यह सरकार के पक्ष में एक सकारात्मक संकेत है।
– पुतिन के बारे में चुनाव से पहले और बाद में किए गए सर्वेक्षणों में उनकी अप्रूवल रेटिंग 80 फीसदी है, जिससे उनकी जीत की संभावना में मदद मिलेगी। यह उनके लिए एक बड़ी सफलता का संकेत है।
पुतिन ने अपनी अगली उम्मीदवारी के बारे में अधिकारिक घोषणा की है। उन्हें विश्वास है कि उन्हें सामरिक चुनावों में दमदार समर्थन मिलेगा। पुतिन के कार्यकाल के वार्षिक संख्याओं पर ध्यान देते हुए, वे राष्ट्रपति पद की उम्मीदहीन अवधि को दोबारा घोषित करने का प्रयास कर रहे हैं। इसके बावजूद, यह चुनौती उनके लिए कठिन होगी क्योंकि रूस-यूक्रेन युद्ध और राष्ट्र की सत्ता पर पकड़ के कारण, अपक्षरी नेतृत्व में हिंसकता की बढ़ती हुई चुनौती है।
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